उन्मुक्त उड़ान
मैं निकला घर से सपने लिए,
सपने उन्मुक्त उड़ानों के.
पर मेरी उड़ान उड़ान ही न थी.
माँ ने बोला
अरे ! उन्मुक्त उड़ान
लेने से पहले उड़ना तो सीख.
उड़ान की चाहत में
मैं निकला उड़ने पर मेरे पंख
पंख ही न थे.
फडफडाता फडफडाहट सुनता मैं .
पंख निहारता अपने मैं .
वो पंख नहीं कुछ और ही थे .
फिर भी फडफडाता
फडफडाहट सुनता मैं .
वो आवाज़ मेरे
अरमानों की थी .
आवाज़ अरमानों की ?
हाँ ! आवाज़ अरमानों की
सपनों के ही कानों को
सुनाई देती है .
आवाज़ अरमानों की ?
उन्मुक्त उड़ानों की?
क्या सपनों में ही अरमान है?
क्या पंखो से ही उड़ान है ?
सपनों के कान ! उन्मुक्त उड़ान !
सपनों के कान
और उन्मुक्त उड़ान
अरमानों की उड़ान ही
उन्मुक्त उड़ान .
सपने उन्मुक्त उड़ानों के.
पर मेरी उड़ान उड़ान ही न थी.
माँ ने बोला
अरे ! उन्मुक्त उड़ान
लेने से पहले उड़ना तो सीख.
उड़ान की चाहत में
मैं निकला उड़ने पर मेरे पंख
पंख ही न थे.
फडफडाता फडफडाहट सुनता मैं .
पंख निहारता अपने मैं .
वो पंख नहीं कुछ और ही थे .
फिर भी फडफडाता
फडफडाहट सुनता मैं .
वो आवाज़ मेरे
अरमानों की थी .
आवाज़ अरमानों की ?
हाँ ! आवाज़ अरमानों की
सपनों के ही कानों को
सुनाई देती है .
आवाज़ अरमानों की ?
उन्मुक्त उड़ानों की?
क्या सपनों में ही अरमान है?
क्या पंखो से ही उड़ान है ?
सपनों के कान ! उन्मुक्त उड़ान !
सपनों के कान
और उन्मुक्त उड़ान
अरमानों की उड़ान ही
उन्मुक्त उड़ान .